रंजन शर्मा, जिन्हें साहित्य जगत में पक्का बिहारी के नाम से भी जाना जाता है, मूलतः बिहार राज्य के ऐतिहासिक जिले मुंगेर के एक छोटे से कस्बे से संबंध रखते हैं।
प्रारंभिक शिक्षा इन्होंने अपने गाँव के विद्यालय से प्राप्त की। बचपन से ही रंजन शर्मा को लेखन व मंचीय प्रस्तुतियों का गहरा शौक रहा है। विद्यालय जीवन में भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लेना और अपनी अभिव्यक्ति से श्रोताओं का दिल जीतना इनके व्यक्तित्व की विशेषता रही है।
कविता और गीत लेखन की ओर इनके झुकाव ने इन्हें जल्दी ही भोजपुरी गीतों की दुनिया में स्थापित कर दिया। अब तक ढाई सौ से अधिक भोजपुरी गीत रचनाएँ लिख चुके हैं,
जिनमें कई गीतों को लोकप्रियता भी मिली है। इनके लेख और कविताएँ समय-समय पर विभिन्न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं।
रंजन शर्मा को उनकी साहित्यिक सेवाओं एवं उत्कृष्ट मंचीय प्रस्तुतियों के लिए कई साहित्यिक व सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। वे आज देशभर के कवि सम्मेलनों, मुशायरों और टेलीविजन चैनलों पर अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इनकी कविताएँ विशेष रूप से युवाओं और कॉलेजों में अत्यंत लोकप्रिय हैं, जिनमें हास्य, व्यंग्य, प्रेम और सामाजिक सरोकारों की गूंज सुनाई देती है।
आज रंजन शर्मा एक उभरते हुए लोकप्रिय कवि और शायर के रूप में लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं, और उनकी रचनाओं में गाँव, मिट्टी और देश की महक सजीव रूप से महसूस की जा सकती है।