5 महीने में 5 महा-आयोजन: रंजन शर्मा और काव्या पटेल शालिनी की जुगलबंदी का जादू
जनवरी से मई तक के केवल पांच महीनों में साहित्यिक मंचों पर एक नाम सबसे अधिक गूंजा — रंजन शर्मा और काव्या पटेल शालिनी की जोड़ी। इन दोनों ने एक साथ मिलकर पाँच अद्वितीय और यादगार प्रस्तुतियाँ दीं, जो न केवल दर्शकों को भावविभोर कर गईं बल्कि साहित्यिक मंचों की गरिमा भी बढ़ा दी।
🌟 वे 5 सफल आयोजन जो बना इतिहास:
- एक शाम शहीदों के नाम – देशभक्ति से ओतप्रोत प्रस्तुति
- काव्य की होली – रंगों में रची-बसी शब्दों की बारिश
- पोडकास्ट प्रस्तुति – डिजिटल युग में साहित्य की आवाज़
- जश्न-ए-सिंदूर – नारी शक्ति और संस्कृति को समर्पित आयोजन
- कवि सम्मेलन और मुशायरा – मंचीय ऊर्जा का विस्फोट
हर कार्यक्रम में रंजन शर्मा की ओजस्वी वाणी और काव्या पटेल शालिनी की भावनात्मक प्रस्तुति ने दिलों में जगह बनाई। मंच पर दोनों की जुगलबंदी को देखकर दर्शकों ने बार-बार कहा — “ये कोई साधारण साझेदारी नहीं, ये राधा-कृष्ण जैसी आत्मिक जोड़ी है।”
💬 रंजन शर्मा कहते हैं:
"हम सिर्फ़ कविता नहीं सुनाते, हम आत्मा की आवाज़ मंच तक पहुँचाते हैं।"
💬 काव्या पटेल शालिनी की भावना:
"हर शब्द मेरे दिल से निकलता है, और जब वो रंजन जी के शब्दों से मिलता है तो जादू हो जाता है।"
यह ब्लॉग उन्हीं पांच महीनों की याद है, जब दो कवियों ने मंच को भावनाओं, प्रेम, देशभक्ति और स्त्री-शक्ति की धारा में डुबो दिया। यह सिर्फ़ मंचीय कला नहीं थी — यह था आत्मा का संगम।
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