मधुलिका बाजपेई – गुड़गांव की संवेदनशील कवयित्री | रंजन शर्मा और काव्या पटेल शालिनी संग जश्न-ए-काव्य 2025
मधुलिका बाजपेई, गुड़गांव निवासी, एक संवेदनशील मन, लेखनी की साधक और जीवन की सूक्ष्म अनुभूतियों को शब्दों में ढालने वाली साहित्यप्रेमी रचनाकार हैं। उनकी कविताएँ, ग़ज़लें और छंद सिर्फ भावों को व्यक्त नहीं करते बल्कि उन्हें जीने और महसूस करने का माध्यम हैं।
17 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में आयोजित "जश्न-ए-काव्य" में वे आमंत्रित स्वर के रूप में मंच पर होंगी। इस भव्य साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन वरिष्ठ कवि रंजन शर्मा (पक्का बिहारी) और कवयित्री काव्या पटेल शालिनी द्वारा किया जा रहा है। रंजन शर्मा और काव्या पटेल शालिनी की यह साहित्यिक जोड़ी देशभर में कवि सम्मेलनों और काव्य गोष्ठियों में अपने उत्कृष्ट आयोजन के लिए जानी जाती है।
'जश्न-ए-काव्य' में देशभर से नामचीन और उभरते साहित्यकार एक ही मंच पर श्रोताओं के बीच अपनी रचनाओं का रसपान कराएंगे। रंजन शर्मा और काव्या पटेल शालिनी की मेज़बानी में मधुलिका बाजपेई अपनी कविताओं और ग़ज़लों से कार्यक्रम को यादगार बनाएँगी।
मधुलिका बाजपेई की प्रकाशित पुस्तकें
इन रचनाओं में प्रेम, पीड़ा, आत्मबोध, स्त्री-अस्तित्व और रिश्तों की अनकही परतें बेहद खूबसूरती से सामने आती हैं। हर पंक्ति में भावनाओं की गहराई और शब्दों की संवेदनशीलता झलकती है।