जहां पापी के धुलते पाप वो गंगा याद आता है
मैं लिखना चाहता हूं प्यार और श्रृंगार की बातें
उठता हूं कलम जब भी तिरंगा यादआता है।
नवरात्रि काव्य उत्सव | कवि रंजन शर्मा और काव्या पटेल शालिनी | 20 Sep 2025 | KRS Studio Delhi 8 महीने में आठ प्रोग्राम…
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