अंकुर इन्दु अग्रवाल — कविता, भाव और मंच के चमकते सितारे
दिल्ली-एनसीआर के साहित्यिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में इन दिनों एक ऐसा नाम लगातार गूंज रहा है, जो शब्दों की संवेदना को मंचीय ऊर्जा में बदलना बख़ूबी जानता है — अंकुर इन्दु अग्रवाल। हिंदी कविता, ग़ज़ल और गीत की परंपरा में वे अपनी अलग छाप छोड़ रहे हैं।
अंकुर का काव्य सिर्फ़ शब्दों का मेल नहीं, बल्कि भावनाओं का ज्वार है, जो श्रोता के हृदय को सीधे छूता है। उनकी रचनाओं में प्रेम की कोमलता, जीवन की गहराई और मानवीय रिश्तों की ऊष्मा का अद्भुत सम्मिश्रण मिलता है। चाहे वह "पवित्र प्रेम" जैसी कविताएँ हों या रोमांटिक गीतों का संकलन, हर पंक्ति में एक सहज प्रवाह और लयबद्धता है, जो श्रोताओं को बांध लेती है।
हाल ही में, अंकुर इन्दु अग्रवाल ने कई प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है — अखिल भारतीय ग्रामीण साहित्य मंच, संविधान क्लब ऑफ इंडिया, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली, काव्यशैली मासिक काव्य गोष्ठी, और ऑल इंडिया मुशायरा कवि सम्मेलन जैसे आयोजन, जो दिल्ली एनसीआर, बिहार और उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए। यहाँ वरिष्ठ कवियों और शायरों के बीच उनका काव्य-पाठ न केवल सराहा गया बल्कि चर्चा का केंद्र भी बना।
उनका मंचीय अंदाज़ शालीनता, आत्मविश्वास और स्पष्ट उच्चारण का प्रतीक है। वे श्रोताओं के साथ जुड़ने की कला जानते हैं — शब्दों के माध्यम से भावनाओं को जीवंत कर देना, श्रोताओं की आँखों में भाव लाना और फिर मुस्कुराहट छोड़ जाना, यही उनकी खासियत है।
अंकुर की कविताएँ प्रेम-पत्र शैली की गहराई लिए हुए हैं, जहाँ शुद्ध हिंदी और सहज उर्दू का खूबसूरत संगम देखने को मिलता है। उनकी रचनाओं में तुलसीदास की भक्ति, ग़ालिब की संवेदना और आधुनिक कवियों की आत्मीयता की झलक एक साथ मिलती है।
वे न केवल मंच के कवि हैं, बल्कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर भी सक्रिय हैं, जिससे उनकी कविताएँ देश-विदेश में साहित्य प्रेमियों तक पहुँच रही हैं। Instagram, Facebook, YouTube जैसे माध्यमों के जरिए वे कविता को युवाओं तक पहुँचाने का मिशन लेकर चल रहे हैं।
उनके काव्य-पाठ में एक बात साफ़ झलकती है — वे सिर्फ़ कविता नहीं सुनाते, बल्कि एक अनुभव जीने को आमंत्रित करते हैं। उनकी पंक्तियाँ श्रोताओं के दिल में देर तक गूंजती रहती हैं।
सम्मान और आगामी कार्यक्रम
17 अगस्त 2025 को दिल्ली में कवि रंजन शर्मा और कवियत्री काव्या पटेल के सानिध्य में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर के कवि सम्मेलन जश्न-ए-काव्य में अंकुर इन्दु अग्रवाल को मुख्य अतिथि रूप में उनकी काव्य यात्रा के लिए संस्था के पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
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